Share market kyu girta hai : आए दिन शेयर मार्केट के बारे में कभी न कभी खबरें सुनने को मिलती है कि आज शेयर बाजार 100 प्वाइंट नीचे गिर गया या शेयर बाजार 200 प्वाइंट ऊपर चढ़ गया है। तो आपने क्या कभी सोचा कि शेयर बाजार क्यों गिरता है या शेयर बाजार क्यों नीचे गिर रहा है। अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करने की सोच रहे है या निवेश की शुरुआत की है तो आपको इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है कि शेयर मार्केट गिरने के क्या कारण है।
इस पोस्ट में हम इसे आसानी से समझते है कि शेयर मार्केट गिरने के क्या कारण हो सकते है, जिससे आपको बहुत सारा फायदा मिलेगा ? तो चलिए शुरू करते है और जानते है Share market kyo girta hai –
शेयर मार्केट गिरने के कारण
Share market kyu girta hai : शेयर मार्केट गिरने के कई सारे कारण हो सकते है जिनमे आर्थिक स्थिति, राजनीतिक कारण, वित्तीय कारण, सामाजिक कारण, डिमांड का कम और सप्लाई ज्यादा होना जैसे कई तरह के विभिन्न कारक हो सकते है।
तो आइए इस पोस्ट में शेयर मार्केट में गिरावट के कारण को एक – एक करके जानते है –
1.आर्थिक मंदी के कारण :
देश में आर्थिक मंदी होने से शेयर मार्केट में गहरा प्रभाव पड़ता है। जब भी कभी किसी देश में आर्थिक मंदी होती है तो आप शेयर मार्केट को जरूर नीचे जाते हुए देखेंगे। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग मंदी में अपना पैसा खर्च करने से बचते है जिससे कंपनियों के प्रोडक्ट की सेल्स में कमी आती है जिसकी वजह से उनका प्रॉफिट और रेवेन्यू घटने लगता है। इसके कारण मार्केट में बिकवाली शुरू हो जाती है और जब मार्केट में बिकवाली होना स्टार्ट हो जाती है तो शेयर मार्केट ऑटोमैटिक गिरना शुरू हो जाता है।
2.महंगाई (Inflation) के कारण :
शेयर मार्केट के गिरने में महंगाई का भी अहम रोल होता है। जब भी कभी रिजर्व बैंक महंगाई बढ़ने के लिए अनाउंस करती है तो इसका सीधा प्रभाव शेयर मार्केट में भी पड़ता है क्योंकि महंगाई बढ़ने के कारण रॉ मटेरियल की कीमत बढ़ जाती है जिस कारण कंपनी के प्रोडक्ट की भी कीमत बढ़ती है और इससे प्रोडक्ट की सेलिंग कम हो जाती है।
प्रोडक्ट के सेल्स में कमी होने से कंपनी के क्वॉर्टरली रिजल्ट में सेल्स और प्रॉफिट में कमी देखने को मिलती है जिसके कारण निवेशक मार्केट से बाहर निकल आते है और शेयर बाजार में गिरावट आ जाती है।
3.ग्लोबल की निगेटिव खबरें :
ग्लोबल की निगेटिव खबरों के कारण शेयर मार्केट में गिरावट देखने को मिलती है। जैसे अभी हाल ही में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू हुआ था, जिसका सीधा प्रभाव शेयर मार्केट पर पड़ा। इस युद्ध के होने के कारण बहुत सारे निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
इसके अलावा अभी हाल ही में अमेरिकी एजेंसी हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की निगेटिव खबर दी तो अडानी ग्रुप के सारे शेयर धड़ाम हो गए। अडानी ग्रुप के कुछ शेयर 80% से ज्यादा तक टूट गए।
इससे कुछ निवेशकों को फायदा भी हुआ क्योंकि शेयर प्राइस गिरने बाद जिनको अडानी ग्रुप के कंपनियों पर भरोसा था उन्होंने इसके शेयर खरीद लिए और अभी अच्छे रिटर्न प्राप्त किए।
मतलब साफ है कि जब भी वैश्विक बाजार से निगेटिव खबर आती है तो मार्केट में गिरावट देखने को मिलती है।
4.विदेशी निवेशकों (FII) के कारण :
जब भी स्टॉक मार्केट में विदेशी निवेशक (Foreign Institutional Investors) निवेश करते है तो शेयर मार्केट ऊपर जाता है और जैसे ही विदेशी निवेशक मार्केट से बाहर होते है तो बाजार में गिरावट देखने को मिलती है। इसका मेन कारण है विदेशी निवेशकों का एक साथ भारी मात्रा में निवेश करना।
मतलब विदेशी निवेशक जब भी निवेश करते है तो मार्केट में एक साथ हजारों करोड़ रु निवेश करते है जिससे मार्केट सीधा ऊपर जाता है और जैसे ही विदेशी निवेशक अपना पैसा मार्केट से बाहर निकालते है तो मार्केट धड़ाम हो जाता है।
5.राजनीतिक कारण :
शेयर मार्केट में गिरावट होने का एक कारण राजनीतिक भी है। क्योंकि जब किसी देश की सरकार बदलती है तो उससे शेयर मार्केट में भी प्रभाव पड़ता है। जब किसी देश की एक ही सरकार लगातार लंबे समय तक रहती है तो उस देश का शेयर बाजार लगातार अच्छा परफॉर्म करता है। इससे घरेलू और विदेशी निवेशकों का विश्वास बना रहता है और वो मार्केट में अपना निवेश बनाए रखते है लेकिन जब सरकार बदलती है तो ये निवेशक अपना पैसा निकालकर कहीं दूसरी जगह इन्वेस्ट कर देते है और मार्केट नीचे गिर जाती है।
इसके साथ देश की सरकार बदलने से आर्थिक स्थिति में भी बदलाव होता है जिससे भी मार्केट पर काफी प्रभाव पड़ता है। इसलिए किसी भी देश की शेयर मार्केट को ऊपर ले जाने में सरकार का भी बड़ा योगदान रहता है।
6.वैश्विक बाजार में मंदी के कारण :
जब विदेशी बाजार में गिरावट आती है तो भारतीय शेयर बाजार में भी गिरावट देखने को मिलता है। इसमें गिरावट इसलिए होती है क्योंकि हर देश का आयात और निर्यात एक दूसरे देश के साथ होता रहता है। जब किसी एक देश में मंदी आती है तो वहां की बाजार का गिरना तय है और जब वहां की बाजार की गिरेगी तो दूसरे देश के शेयर बाजार में भी इसका असर देखने को मिलता है।
इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण वर्ष 2008 का है जब शेयर मार्केट वर्ष 2008 को एक ही दिन में 1408 अंक गिरकर नीचे आ गया। जो करोड़पति थे एक दिन में कंगाल हो गए। विशेषज्ञों ने मार्केट गिरने का कारण अमरीकी बाजार में आई बंदी को बताया था।
7.सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट
सेंसेक्स में भारत की टॉप 30 कंपनियां होती है और निफ्टी में टॉप 50 कंपनियां होती है। ये सेंसेक्स और निफ्टी भारतीय शेयर बाजार की इंडेक्स होती है । इन्ही इंडेक्स से ही मार्केट के ऊपर चढ़ने और नीचे गिरने का पता लगाया जाता है।
अगर जब कभी सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आती है तो बाजार की बहुत सारी कंपनियों में गिरावट देखने को मिलता है।
8.पैंडेमिक (महामारी) के कारण :
शेयर मार्केट को गिरने में महामारी का भी बहुत बड़ा रोल होता है। जब देश में कोई बड़ी पैंडमिक आती है तो शेयर बाजार ऑटोमैटिक गिरने लगता है। इसका उदाहरण आपने अप्रैल वर्ष 2020 में जरूर देखा होगा।
जैसे ही मार्च 2020 के आखिरी सप्ताह में कोरोना काल घोषित हुआ तो उसके बाद से शेयर मार्केट टूटना शुरू हो गया और अप्रैल में शेयर बाजार धड़ाम हो गया। ऐसा इसलिए होता है कि पैंडेमिक के कारण निवेशक अपना पैसा मार्केट से बाहर निकालना शुरू कर देते है और जब बिकवाली होने लगती है तो मार्केट नीचे जाना शुरू कर देती है ।
इसी तरह जब भी कभी देश दुनिया में कोई महामारी आती है तो शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिलती है।
शेयर मार्केट गिरने से क्या फायदा होता है ?
Share market girne se fayde : जब भी शेयर मार्केट नीचे गिरता है तो निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन इससे कुछ निवेशकों को फायदा भी हो सकता है शेयर मार्केट गिरने से निवेशकों 2 तरह से फायदा होता है –
- जब शेयर मार्केट बुल होता है तो कंपनियों के शेयर प्राइस काफी ऊपर चढ़ जाते है जिससे रिटेल इन्वेस्टर या छोटे इन्वेस्टर अच्छी कंपनियों के स्टॉक नही खरीद पाते लेकिन जब मार्केट गिरती है तो सभी को कम प्राइस में शेयर खरीदने का मौका मिलता है।
- इससे दूसरा फायदा होता है कि जैसे बहुत से इन्वेस्टर ओवर वैल्यू प्राइस में स्टॉक को पर्चेज कर लेते है जिससे उन्हें प्रॉफिट नही मिला पाता लेकिन जब मार्केट गिरती है तो कंपनियों के शेयर प्राइस कम होने के कारण वो इन्वेस्टर उस कंपनियों के अधिक शेयर खरीद सकते है जिससे उनके शेयर प्राइस का औसत बराबर हो जाता है।
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निष्कर्ष : Share market kyu girta hai
जैसा कि हमने देखा कि शेयर मार्केट गिरने के कई कारण होते है। इन कारणों से शेयर मार्केट में गिरावट देखने मिलती है लेकिन अगर आप सही इन्वेस्टर है तो गिरावट में भी मौका बना सकते है और जैसे ही मार्केट अपनी रफ्तार में वापस आती है तो आप अच्छा रिटर्न बना सकते है।
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FAQs : Share market kyu girta hai
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट होने के कारण शेयर मार्केट में गिरावट देखने को मिलती है, इसके अलावा मंहगाई, आर्थिक मंदी, ग्लोबल की निगेटिव ख़बरें, राजनीतिक कारण, विदेशी निवेशकों का मार्केट से बहार निकलना जैसे कई कारण हो सकते है |
शेयर मार्केट गिरने से निवेशकों के पैसे डूब जाते है, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है इसके अलावा देश के आर्थिक स्थिति में काफी बुरा प्रभाव पड़ता है |
शेयर मार्केट गिरने से शेयर के प्राइस सस्ते हो जाते है जिससे इन्वेस्टर कम पैसों में शेयर खरीदकर अच्छा प्रॉफिट बना सकते है। कोरोना महामारी 2020 में मार्केट गिरने के बाद जिन्होंने अच्छी कंपनियों में इन्वेस्ट किया था बाद में उन्हें बहुत बेहतरीन रिटर्न प्राप्त हुआ |
Disclamer :
किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसके बारे में अच्छी रिसर्च और उसका फंडामेंटल एनालिसिस जरूर करना चाहिए। इसलिए निवेश करने से पहले अपना खुद का रिसर्च करें या अपने एडवाइजर सलाह जरूर लें।
इस पोस्ट में हमने शेयर मार्केट गिरने और इसके गिरने से फायदे के बारे में आसानी समझाने का प्रयास किया है। आशा करता हूं इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा।